मैंने सी रखी हैं कुछ चाहतें अपनी .. दिल में ही तुम गर साथ दो तो हाल-ए-दिल .. लफ्ज़ों मैंने सी रखी हैं कुछ चाहतें अपनी .. दिल में ही तुम गर साथ दो तो हाल-ए-दिल .. ...
अब तो नींदों में भी तुम आने लगी हो, इसलिए हम अपनी निंदो को भी खोए जा रहे हैं। अब तो नींदों में भी तुम आने लगी हो, इसलिए हम अपनी निंदो को भी खोए जा रहे हैं।
ए दिल! बता मुझको उनसे दिल लगाने की सज़ा मिली तो क्यों मिली मुझको । ए दिल! बता मुझको उनसे दिल लगाने की सज़ा मिली तो क्यों मिली मुझको ।
मेरे दिल के दर्द को कविता की शक्ल में पन्नों पे उभरना आ गया है मेरे दिल के दर्द को कविता की शक्ल में पन्नों पे उभरना आ गया है
दीद के बाद, होश जाते रहे। क्या बयाँ करता मैं जलाल तिरा। दीद के बाद, होश जाते रहे। क्या बयाँ करता मैं जलाल तिरा।
क्यों हुआ है इस कदर परेशां, ढूंढता फिरता है यहाँ किसके निशाँ क्यों हुआ है इस कदर परेशां, ढूंढता फिरता है यहाँ किसके निशाँ